शहर के 92 साल पुराने समरवेल चर्च की प्रेरक मुहिम से न केवल अन्य जर्जर चर्च संवर रहे हैं, बल्कि दान की राशि का भी सदुपयोग हो रहा है। चर्च कमेटी पहले भी दान राशि का अनाथालयों और बाल गृहों के साथ जरूरतमंदों की सेवा-संभाल में उपयोग करती थी। फिर प्रभु ईसा मसीह का संदेश जन-जन तक पहुंचाने और प्रार्थना के लिए चर्च में मसीही समाज के लोगों को सुविधा हो, इसके लिए चर्च में क्रिसमस पर राशि एकत्रित कर अन्य जर्जर गिरजाघरों में संवारने की मुहिम शुरू कर दी। समरवेल चर्च कमेटी दान राशि से बांसवाड़ा के भुजावाड़ा चर्च की सूरत संवार चुकी है और अब ब्यावर के भीम के पास स्थित अजीतगढ़ के 80 साल पुराने जीर्ण-शीर्ण चर्च को ठीक करने का जिम्मा उठाया है। इसके लिए ईसाई समुदाय के लोग 'व्हाइट गिफ्ट' देंगे। अजीतगढ़ में अधिकांश किसान परिवार रहते हैं। यहां 15-20 मसीही परिवार रहते हैं, लेकिन 1939 में बना यह चर्च इतना जीर्ण-शीर्ण हो चुका है कि यहां प्रार्थना करना संभव नहीं हो रहा। ऐसे में ब्यावर के पास अजीतगढ़ के लोगों ने जोधपुर के समरवेल चर्च से संपर्क किया तो चर्च कमेटी ने भेंट राशि एकत्रित कर क्षतिग्रस्त चर्च के निर्माण के लिए देने का फैसला किया। फिलहाल यहां छत का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि लोग वहां प्रार्थना कर सकें।
इस बार दान राशि से अजीतगढ़ का यह चर्च संवरेगा।
सफेद दान पात्र, सफेद ही लिफाफे में स्वीकारते हैं मदद
प्रभु यीशु के जन्म की खुशी में व्हाइट गिफ्ट दिया जाता है। इसके लिए प्रार्थना के दौरान प्रभु यीशु की झांकियां प्रदर्शित की जाएंगी। इस दौरान प्रभु यीशु की जन्म की झांकी के पास सफेद कपड़े से ढंके बर्तन को भेंट पात्र बनाकर रखा जाता है। साथ ही सभी लोगों को सफेद लिफाफा दिया जाता है। इसमें हर व्यक्ति अपनी स्वेच्छा से भेंट राशि देता है। यह राशि किसी न किसी चर्च के पुनर्निर्माण के लिए दी जाती है। इसी को व्हाइट गिफ्ट कहते हैं।
बाइबिल दुनिया के लिए उपहार है
पिछले साल क्रिसमस पर Rs.1 लाख जुटा बांसवाड़ा के भुजावाड़ा चर्च को मदद दी थी
पिछली साल क्रिसमस पर एक लाख रुपए से अधिक की सहयोग राशि जुटाकर बांसवाड़ा के भुजावाड़ा गांव के चर्च के निर्माण के लिए दी गई थी। उस चर्च का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। यहां पर भी कृषक परिवार रहते हैं।
एकत्रित राशि सहयोग रूप में देंगे
एक चर्च ऐसा भी... दान राशि से सुधरवाता है दूसरे जर्जर गिरजाघर